भारत की केंद्र सरकार ने जुमे के रोज़ सभी ट्रेवल एजेंट्स को चेतावनी देते हुए कहा की यात्रियों को टिकट कैंसलेशन ( FLIGHT TICKET CANCELLATION RULES ) के बाद टिकट कैंसलेशन देने में कोई भी देरी नहीं होनी चाहिए। भारतीय सरकार ने सभी ट्रेवल एजेंट्स को कहा की एयरलाइन्स की तरफ से रिफंड मिलने के तुरंत बाद सभी ग्राहको को रिफंड वापस मिल जाना चाहिए।
भारत सरकार ने सभी ट्रेवल एजेंट्स को यह भी कहा की ग्राहकों को भविस्ये में इस्तेमाल के लिए कोई ट्रेवल वाउचर न दे , सरकार ने इसे ख़ास तौर पर कहा है। सरकार की इस चेतावनी के बाद अगर कोई भी ट्रेवल एजेंट्स गड़बड़ी करता है तो डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन ( DGCA ) उनके खिलाफ सख्त करवाई करेगा , 1 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई की थी जिसमे फैसला सुनाया था की फ्लाइट कैंसलेशन रिफंड जल्दी से जल्दी जारी किया जाए।
DGCA ने जुमे के रोज़ कहा की सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक एयरलाइन्स की तरफ से रिफंड का पैसा मिलने के बाद सभी ट्रेवल एजेंट्स को ग्राहकों को तुरंत इसे देना होगा , अगर कोई भी ट्रेवल एजेंट्स इस पैसे को रोकता है तो वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारता है जिसकी वजह से उसे कानून का उल्लघन करता माना जाएगा।
DGCA ने यह भी बताया है की कुछ मामलो में एयरलाइन्स ने टिकट कैंसलेशन के बाद रिफंड को जारी कर दिया है , लेकिन ट्रेवल एजेंट्स फ़िलहाल ग्राहकों को नहीं दे रहे है , लेकिन कुछ मामलो में तो रिफंड मिलने के बाद भी ट्रेवल एजेंट्स ग्राहकों को वॉचर्स की पेशकश कर रहे है।
आपको बता दे ये ट्रेवल एजेंट्स DGCA के दायरे में नहीं आते है , लेकिन अगर कोई भी ट्रेवल एजेंट्स यह रिफंड नहीं देता है तो आप उसकी शिकायत पुलिस से कर सकते है। वैसे DGCA ने सभी ट्रेवल एजेंट्स को सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने को कहा है।
लॉकडाऊन के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिकट कैंसलेशन के बाद रिफंड करने को कहा था , इसमें कहा गया था की लॉकडाऊन से पहले बुक किये हुए टिकट का रिफंड सभी यात्रियों को पूरा दिया जाएगा और रिफंड के पैसे 31 मार्च 2020 तक की मोहलत दी थी।
ट्रेवल एजेंट्स की प्रतिनिधि के तौर पर उनके फेडरेशन के वकील ने कहा था की CAR ट्रेवल एजेंट्स को रेगुलेट करती है , और उन्होंने यह भी कहा था की अगर एयरलाइन्स से रिफंड आ जाता है तो उन्हें ग्राहकों को वापस देने में कोई भी परेशानी नहीं होगी।